
Contents
- 1 Pahelgam Incident:पहलगाम हमला- निर्दोष पर्यटकों पर आतंकी हमला, देशभर में आक्रोश
- 1.0.1 हमले की बर्बरता एवं उद्देश्य–
- 1.0.2 स्थानीयों का विरोध एवं मानवता की मिसाल-
- 1.0.3 सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल—
- 1.0.4 370 हटाने और नोटबंदी से नहीं रुका आतंकवाद—
- 1.0.5 सभी पक्षों को एकजुट होना होगा–
- 1.0.6 सेना में कमी एवं अग्निवीर योजना पर सवाल—
- 1.0.7 राजनीतिक प्रतिक्रिया एवं संवेदना—
- 1.0.8 निष्कर्ष: आतंक को जड़ से खत्म करना ही होगा—
- 1.0.9 About The Author
Pahelgam Incident:पहलगाम हमला- निर्दोष पर्यटकों पर आतंकी हमला, देशभर में आक्रोश
Pahelgam Incident News 24 April 2025:
(Satyashodhak News Report)
Pahelgam Incident:जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला न केवल एक दर्दनाक घटना है| यह देश की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़ा करता है।
हमले की बर्बरता एवं उद्देश्य–
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए इस आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला दिया हैं | जानकारी के अनुसार आतंकियों जानबूझकर पर्यटकों को निशाना बनाया एवं उनका धर्म पूछकर गोलियां चलाईं। यह हमला केवल निर्दोष नागरिकों की जान लेने वाला है , बल्कि इसका मकसद कश्मीर में डर एवं नफरत का माहौल फैलाना भी है।
इससे हमले स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन कश्मीर में स्थिरता नहीं चाहते है। आतंकी चाहते हैं कि कश्मीर का पर्यटन उद्योग एवं स्थानीय रोजगार पूरी तरह खत्म हो जाए, जिससे आर्थिक तबाही एवं अशांति फैले।
स्थानीयों का विरोध एवं मानवता की मिसाल-
इस क्रूर आतंकी हमले के तुरंत बाद कश्मीर के स्थानीय लोगों ने भी इसका विरोध कियाहै| कई लोग सड़कों पर उतरे ओर शांति की मांग की। कश्मीर के ही एक निवासीने नाम हुसैन ने पर्यटकों को बचाने की कोशिश में अपनी जान गंवा दी। इससे दिखता है कि कश्मीरी आतंक नहीं, शांति चाहते है।
सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल—
घटना के समय– उस क्षेत्र में करीब दो हजार से अधिक पर्यटक मौजूद थे। ऐसे संवेदनशील स्थान पर आतंकियों का आसानी से पहुंच जाना सुरक्षा एवं खुफिया तंत्र की भारी विफलता दर्शाता है।
इस सवाल का जवाब केंद्र सरकार को देना चाहिए – आखिर इतने सख्त सुरक्षाओं के बावजूद आतंकी इतनी आसानी से हमला कैसे कर सके ? क्या स्थानीय पुलिस, खुफिया एजेंसियों की कोई जवाबदेही नहीं बनती?
370 हटाने और नोटबंदी से नहीं रुका आतंकवाद—
केंद्र सरकार ने अतीत में अनुच्छेद 370 हटाया था| नोटबंदी, अन्य कदमों के जरिए आतंकवाद पर रोक लगाने का भावा भी किया था। लेकिन यह हमला साबित करता है कि आतंकवाद आज भी देश सबसे बड़ी राष्ट्रीय समस्याओं में से एक है।
इस हमले ने सरकार की नीतियों की विफल साबित किया है। सरकार कोड देश की जनता को बताना जरूरी है कि अब तक उठाए गए कदमों से क्या परिणाम मिले है? और आगे क्या रणनीति अपनाई जाएगी?
सभी पक्षों को एकजुट होना होगा–
इस संवेदनशील मुद्दे पर केवल सरकार के साथ विपक्ष की भी उतना ही जिम्मेदारी बनती है। सरकार को चाहिए कि वह सभी विपक्षी नेताओं को विश्वास में ले और अगली कार्रवाई की रूपरेखा साझा करे। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई किसी एक दल की नहीं, पूरे देश की लडाई है।
देश की जनता , सभी राजनीतिक दल आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर सरकार के साथ खड़े होने चाहिए | सरकार पारदर्शिता और कड़ी कार्रवाई का भरोसा दे।
सेना में कमी एवं अग्निवीर योजना पर सवाल—
एक ओर जहां बताया जा रहा है कि पिछले कुछ वर्षों में सेना की संख्या में करीब 1.80 लाख की कमी कमी कर दी गयी हैं। दूसरी ओर सरकार ने अग्निवीर जैसी तात्कालिक योजना शुरू की है।
इस योजना को लेकर कई सवाल खड़े हो चुके हैं – क्या ऐसे गंभीर हालात में देश को स्थायी, अनुभवी जवानों की जरुरी हैं | क्या अस्थायी सैनिकों की जरूरत है? अग्निवीर योजना पर पुनर्विचार अब वक्त की मांग है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया एवं संवेदना—
‘आप पार्टी ‘के प्रवक्ता मुकुंद किर्दत ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा: “यह हमला भारत की संप्रभुता पर सीधा आक्रमण है। आम आदमी पार्टी इस आतंकी हमले की घोर निंदा करती है। हमारी संवेदनाएं शोकाकुल परिवारों के साथ हैं।”
उन्होंने यह भी मांग की कि सरकार इस मामले में सभी विपक्षी नेताओं को विश्वास में लेकर कार्रवाई की योजना बनाए।
निष्कर्ष: आतंक को जड़ से खत्म करना ही होगा—
Pahelgam Incident एक बार फिर हमें यह सोचने पर मजबूर करता है | देश की आंतरिक सुरक्षा कमजोर है। सरकार को अब दिखावटी उपायों से हटकर ठोस रणनीति बनानी चाहिए। स्थानीय जनता की इच्छाओं को महत्व देना चाहिए | सेना को मजबूत करना होगा | खुफिया तंत्र को सुधारना होगा।
देश की सुरक्षा के लिए अब निर्णायक कार्रवाई जरूरी है | फिर कभी कोई निर्दोष हुसैन जान देकर दूसरों की जान न बचाए, कोई पर्यटक अपने देश में ही असुरक्षित महसूस न करे।