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- 1 ‘क्या भारत और पाकिस्तान के बीच में युद्ध होगा?’
‘क्या भारत और पाकिस्तान के बीच में युद्ध होगा?’

लेख:डा.नितीन पवार, संपादक-सत्यशोधक न्युज, पुणे.
- ‘क्या भारत और पाकिस्तान के बीच में युद्ध होगा?’ ये सवाल आज सततरुप से मन में मंडरा रहा है।भारत, पाकिस्तान दो पड़ोसी देश है। दोनों का इतिहास संघर्ष एवं विभाजन से भरा हुआ है। सन 1947 में विभाजन के बाद से अब तक दोनों देशों के बीच कुल चार युद्ध हो चुके हैं! — 1947, 1965, 1971 और 1999 में कारगिल युद्ध हुआ था। इन युद्धों के साथ-साथ दोनो देशों की सीमाओं पर आए दिन तनाव, झड़पें आम बात रही हैं।पहलगाम में आतंकी हमले में 24 भारतीय मारे गये|उसके बाद भारत में इस घटना पर गुस्सा अपनी कगार पर है|भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी ने इसका बदला आतंकीयों की बची खुची जमीन को नेस्तनाबूद करके लेने का ऐलान किया है। भारत की सेना,आर्मी,एअर फोर्स,नेव्ही ,मिसाईल सिस्टिम पुरी तैयारी से आदेश की प्रतिक्षा कर रही है। जम्मु काश्मीर में पुलिस और सेना ने संयुक्त आपरेशन शुरु भी किया है। आतंकीयों के घर बम से उदा दिये है। चक्का चक्का छान मार है कश्मीर पुलिस और भारतीय सेना ! पाकिस्तान भी कुछ घबरा हुआ है। फिर भी उसके पास जो मिलिटरी ताकद है। उसको एलर्ट कर दिया है। भारत और पाकिस्तान की मिडीया में यही बात हर एंगल से चर्चा में बनी हुई है| 5 मे २०२५ का दिन भी कुध माध्यमोंने युद्ध की शुरुवात का दिन तय किया है | भारत ने पाकिस्तान का पानी रोकने का ऐलान किया है |भारत में रहनेवाले पाकिस्तानी नागरिकोंको वापस पाकिस्तान में भेजना शुरु कर दिया है। सिमला एग्रीमेंट को ठुकरा दिया है। ऐसे में आज एक सवाल फिर से जोर पकड़ रहा है की — ‘क्या भारत और पाकिस्तान के बीच में युद्ध होगा?’
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि क्या बताती है?
भारत – पाकिस्तान के बीच का रिश्ता हमेशा तनाव का रहा है। कश्मीर विवाद, कश्मीर में आतंकी गतीविधिया, आतंकवाद,दोनो देशों में खासकर पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता एवं रणनीतिक प्रतिद्वंद्विता दोनों देशों के बीच सबसे बड़े मुद्दे हमेशा रहे हैं। हर बार कोई बड़ा आतंकी हमला होता है , या सीमाओं पर गोलीबारी होती है, तो यह सवाल उठता है कि ‘क्या भारत और पाकिस्तान के बीच में युद्ध होगा?’
वैसे विशेषज्ञ मानते हैं कि दोनों देशों के बीच गहरी दुश्मनी होने के बावजुद भी पूर्ण युद्ध की संभावना कम दिखाई देती है| लेकिन सीमित सैन्य संघर्ष जरुर हो सकता है! भारत टार्गेटेड एक्शन आतंकवादी केंप,उनके नेता,हापिज सयीद जैसे नेता और सेना के कुछ अधिकारीयों को खत्म कर सकता है। या करवा सकता है। दाऊद इब्राहिम भी मारा गया तो कुछ आश्चर्य की बात नहीं होगी ! ये मोदी सरकार की आज की जरुरत भी बन गयी है।

वर्तमान परिदृश्य क्या है?
वर्तमान समय में भारत – पाकिस्तान दोनों के आंतरिक तथा बाहरी हालात काफी बदल गये हैं। भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हुआ है। इंन्वेस्टरोंका डार्लिंंग बन गया है। पाकिस्तान भी कुछ हद तक आंतरिक चुनौतियों से जूझते जूझते अपनी राजनीतिक स्थिरता पाने की कोशिश में है। लेकिन सबसे बडी चुनौती आर्थिक स्थिती और बलुचिस्तान का मामला है।
पाकिस्तान की चिंता बढी—
सीमा पर अभी भी संघर्ष विराम उल्लंघनों की घटनाएँ बारबार सामने आती रहती हैं। हाल ही में पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन हुआ और भारत के कश्मीर पर लिए गए कठोर फैसलों ने एक बार फिर पाकिस्तान की चिंता बढी है। ऐसे में सवाल यही है — ‘क्या भारत और पाकिस्तान के बीच में युद्ध होगा?’

युद्ध की संभावनाएँ कितनी है —
1.दोनों को है परमाणु हथियारों का डर!
भारत – पाकिस्तान दोनों के पास परमाणु हथियार हैं। 1998 में दोनों देशों ने परमाणु परीक्षण किये| और यह सिद्ध कर दिया था की कोई भी युद्ध अब सिर्फ पारंपरिक युद्ध नहीं रहेगा। फिर भी हम देखते है कि ना रुस ने युक्रेन में,ना इस्राएल ने हमास या इराण पर,परमाणु बम का इस्तेमाल किया है |भारत और पाकिस्तान भी ऐसा नहीं करेगा ! इसका मुख्य कारण है कि वो जिस चीज के लिए यह करेगा ,वो जो इंसान है,वो ही धरती पर से खत्म हो सकते हैं। यह मुख्य कारण है। ना पुतिन रहेंगे,ना ट्रंप,ना झेलेंस्की,ना वेपन इंडस्ट्री,ना शेअर बाजार,ना इल्युमिनाटी, पाकिस्तान, ना मोदी ,भारत ,ना किम जोंग उन धरती पर शेष बचेंगे| अगर परमाणु युद्घ भडक उठा तो ! ये सब जाणते है। खास कर अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस बात को भलीभांति जानता है कि अगर युद्ध हुआ तो उसके परिणाम पुरी मानव प्रजाती के लिए विनाशकारी होंगे। और यही डर भारत और पाकिस्तान दोनों देशों को खुले युद्ध से रोक रहा है। इतका ही नहीं युक्रेन वार या इस्राएल वार भी इस हद तक नहीं बढ पाया|अमरिका ने भी इराण के मामले में ऐसी लगती नहीं की है। एक अजीब सा एहसास दिखाई देता है कि मानव प्रजाती अपना अस्तित्व पृथ्वी पर से नहीं मिटाना चाहती है।
2. भारत- पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव—-

संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, रूस, चीन,नाटो जैसे बड़े देश और देशसमुह नहीं चाहते कि दक्षिण एशिया में बडा या परमाणु युद्ध हो।ऐसे युद्ध से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी बुरा प्रभाव पड़ने वाला है।भारत,पाकिस्तान और बांगलादेश में विश्व की एक चौथाई जनसंख्या रहती है। लोग रहते है। इसलिए हर बार तनाव बढ़ता है,तब अंतरराष्ट्रीय समुदाय सक्रिय हो जाता है। दोनों पक्षों पर बडा युद्ध ना करने का दबाव डालता है।अब भी यहीं होगा|
3. आर्थिक हात की बात !
भारत- पाकिस्तान दोनों को अपने-अपने आर्थिक विकास की और बहुत जादा ज़रूरत है। भारत का 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का सपना है |पाकिस्तान को IMF से राहत फंड /पैकेज की दरकार है। युद्ध की हुआ तो इस स्थिति और सपनें चकनाचूर हो यायेंगे ।

4. भारत- पाकिस्तान की राजनीतिक मजबूरियाँ—-
बहुत बार आंतरिक राजनीति में सत्ता पाने के लिए पाकिस्तान या भारत के नेता अपने ही देश में तनाव को बढ़ाते हैं। परंतु पूर्ण युद्ध की ओर बढ़ना एक बहुत महंगी गलती साबित हो जायेगी। जिससे बचने की कोशिश दोनों देशों की सैन्य एवं राजनीतिक रणनीति में दिखाई देती है।
सीमित संघर्ष की संभावना—
विशेषज्ञ मान रहे हैं कि अब और भविष्य में सीमित सैन्य ऑपरेशन या सर्जिकल स्ट्राइक्स जैसी कार्रवाइयाँ हो सकती हैं। जैसा भारत ने 2016 में उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक किया था। लेकिन कुल दोनों देशों देशों ने पूर्ण युद्ध से बचने की कोशिश जरुर की।
मीडिया और जनता की भूमिका क्या है?
दोनों तरफ के मीडिया का एक बड़ा हिस्सा भारत -पाकिस्तान में तनाव को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करता है। उससे जनता में जो की भारी संख्या में अनपढ,गंवार और आधुनिक युद्ध तंत्र को जानता नहीं है| परमाणु क्या होता है और कितनी एनर्जी बाहर फेंक सकता है| न्युक्लियर एनर्जी और न्युक्लिअर बम क्या होते है यह नहीं जानती है| और युद्ध के लिए नाचती है| भावनाओंको भड़कती है। कई बार राजनीतिक दल इस भावनात्मक माहौल का फायदा उठाना चाहते हैं। लेकिन यह समझना ज़रूरी है कि युद्ध सिर्फ भावनाओं से नहीं लगा जाता| बल्कि रणनीतिक सोच से लड़े और टाल दिये जा सकते हैं।
भविष्य की राह क्या है?—
अगर भारत – पाकिस्तान अपने संबंधों में स्थिरता चाहते हैं,एशिया में सत्ता समतोल चाहते है तो उन्हें संवाद के रास्ते खुला रखने पडेंगे । व्यापार, सांस्कृतिक आदान-प्रदान तथा सीमित सैन्य समझौतों के जरिए शांति की रक्षा में काम करना पडेगा ।
सब ज्ञानी लोग युद्ध किसी भी समस्या का स्थायी समाधान नहीं मानते है | दुनिया का इतिहास गवाह है कि युद्ध ने केवल जन-धन की हानि की है,असली मुद्दे आज भी वहीं के वहीं हैं।
निष्कर्ष क्या निकलता हैं। —
‘तो क्या भारत और पाकिस्तान के बीच में युद्ध होगा?’इस सवाल का जबाब इतना सरल नहीं है। किंतु मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए पूर्ण युद्ध की संभावना बहुत कम है। सीमित संघर्ष से इंकार नहीं किया जा सकता है। भारत-पाकिस्तान के नेताओं की सूझबूझ, अंतरराष्ट्रीय दबाव एवं परमाणु हथियारों का डर युद्ध को टाल सकता है।
हमें इंसानियत के नाते आशा की जानी चाहिए कि भारत – पाकिस्तान एक जिम्मेदार पड़ोसी की तरह व्यवहार करें| भविष्य में भी युद्ध नहीं , शांति और सहयोग की राह पर चलना चाहिए ।