बाबासाहेब आंबेडकरजी ने पाकिस्तान के बारे में क्या लिखा हैं?पहलगाम घटना के पार्श्वभूमीपर एक गंभीर चिंतन!
बाबासाहेब आंबेडकरजी ने पाकिस्तान के बारे में क्या लिखा हैं? इसे पढोगे तो आंखे खुल जायेगी?
Dr.Nitin Pawar,Editor- Satyashodhak News,Pune.
(लेखक डॉ.नितीन पवार, संपादक, सत्यशोधक न्युज, पुणे 2 मे २०२५ )
बाबासाहेब आंबेडकरजी ने पाकिस्तान के बारे में क्या लिखा हैं?:डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर केवल भारत के संविधान निर्माता तो थे|पर एक महान विचारक, समाजशास्त्री तथा राजनीतिक विश्लेषक भी थे। फिलासाफर भी थे। बाबासाहेब आंबेडकर ने उन्होंने भारत की सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक स्थितियों तथा हर सवाल पर गहराई से विचार किया था। 1940 के दशक में मुस्लिम लीग ने स्वतंत्र ‘पाकिस्तान’ की मांग उठाई थी तो उस समय बाबासाहेब ने “थॉट्स ऑन पाकिस्तान” (Thoughts on Pakistan) नामका एक महत्वपूर्ण पुस्तक लिखा था । इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि बाबासाहेब आंबेडकरजी ने पाकिस्तान के बारे में क्या लिखा हैं?
1. “थॉट्स ऑन पाकिस्तान” – पृष्ठभूमि क्या थी? —-
Book:Thought on Pakistani(Image:Thanks ro minakaboos.com)
सन् 1940 में तत्कालिन मुस्लिम लीग ने “लाहौर प्रस्ताव” पारित किया |और भारत के उस वक्त के मुस्लिमों के लिए एक अलग राष्ट्र ‘पाकिस्तान’ का निर्माण करने की माँग की थी। इसके जवाब में बाबासाहेब आंबेडकरने 1941 में “थॉट्स ऑन पाकिस्तान” नाम की किताब प्रकाशित की। यह पुस्तक मे बाबासाहेब आंबेडकर ने पाकिस्तान के मुद्दे पर एक तथ्यात्मक, तर्कसंगत तथा दूरदर्शीतापुर्ण विश्लेषण प्रस्तुत किया था ।
2. बाबासाहेब का दृष्टिकोण क्या था पाकिस्तान की मांग को लेकर?—-
बाबासाहेब आंबेडकर ने लिखा हैं —
• “अगर मुस्लिम पाकिस्तान चाहते हैं तो हमें इसके पीछे की भावना को समझना होगा, न कि सिर्फ विरोध करना।” मुख्य बिंदु क्या था?-—
• पाकिस्तान की मांग साम्प्रदायिक नहीं है बल्कि राजनीतिक है।
• मुसलमान तब भारत में अल्पसंख्यक थे | उन्हें डर था कि हिंदू बहुमत वाले लोकतंत्र में उनकी आवाज़ को दबाया जायेगा ।
• बाबासाहेब ने स्वीकार किया था की यदि मुस्लिम अलग राष्ट्र चाहते हैं, तो उनको वह अधिकार होना चाहिए। साथ ही बाबासाहेब ने इसके परिणामों पर भी गंभीर चिंता जताई थी।
3. विभाजन के दुष्परिणामों की चेतावनी क्या दी थी?—
• बाबासाहेब आंबेडकर ने चेतावनी दी थी कि यदि उस वक्त के भारत का विभाजन होगा तो उसके दूरगामी परिणाम होंगे !
• भारत की सीमा पर अनिश्चितता रहेगी और संघर्ष (जो बाद में आज तक सच हुआ है – भारत-पाक युद्ध) होगा |
• भारत के भितर भी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा बना रहेगा।
• सांप्रदायिक तनाव तथा हिंसा बढ़ेगी। “भारत का विभाजन केवल भूमि का नहीं, बल्कि दिलों का भी विभाजन होगा।”
4. क्या बाबासाहेब आंबेडकर पाकिस्तान के पक्ष में थे?
नहीं थे ! बाबासाहेब अंबेडकर पाकिस्तान के समर्थक कभी नहीं थे | लेकिन वे मुस्लिमों की मांगों को समझने और समाधान निकालने के पक्षधर में थे। उन्होंने लिखा हैं |
“ना तो पाकिस्तान को पूरी तरह से समर्थन देना उचित है, और ना ही पूरी तरह से विरोध करना। हमें बीच का रास्ता तलाशना होगा।”
5. बाबासाहेब का वैकल्पिक प्रस्ताव था —-
• बाबासाहब ने सुझाव दिया था कि भारत में संघीय व्यवस्था अपनाई जा सकती हैं। जहाँ मुस्लिम बहुल राज्यों को स्वशासन मिलेगा।
• साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि यदि मुस्लिम पूरी तरह से अलग राष्ट्र की मांग पर अडिग रहते हैं, तो हमें विभाजन की संभावनाओं पर विचार करना ही पड़ेगा।
6. भारत सरकार और उस वक्त की कांग्रेस की भूमिका की आलोचना की—
• बाबासाहेब आंबेडकर ने उस वक्त की कांग्रेस पार्टी पर भी प्रश्न उठाए थे।
• बाबासाहब ने लिखा कि कांग्रेस ने मुस्लिमों के असली डर और उनकी राजनीतिक माँगों को कभी गंभीरता से नहीं लिया।
• गांधी, नेहरू की नीतियाँ कभी-कभी मुस्लिम विरोधी प्रतीत होती थीं, इसलिए बाबासाहब का विश्वास कांग्रेस पर से कम होता गया।
7. आज के संदर्भ में ‘थॉट्स ऑन पाकिस्तान’ का महत्व क्या है? —
• आज पहलगाम घटना के बाद जब हम भारत-पाकिस्तान संबंधों को देखते हैं, तो बाबासाहेब की दूरदर्शिताभरी सोच स्पष्ट होती हैं।
• उन्होंने धर्म के आधार पर किसी राष्ट्र निर्माण का बनना खतरनाक बताया था। चाहे वह हिंदु धर्म के नाम पर भी क्यों न हो !
• उन्होंने धर्मनिरपेक्षता ही लोकतंत्र की नींव रखने की जरूरत बताई थी| जो आज भी भारतीय गणराज्य की ‘आत्मा’ है। ऐसा कहा जा सकता है।
निष्कर्ष क्या निकलते है? —
“बाबासाहेब आंबेडकरजी ने पाकिस्तान के बारे में क्या लिखा हैं?” – इसका उत्तर यह है कि उन्होंने इस संवेदनशील मुद्दे पर बिना पक्षपात किये एक जज की तरह पूरी ईमानदारी तथा बौद्धिक स्पष्टता के साथ विचार रखा था । वे न तो कट्टर राष्ट्रवादी थे और न ही सांप्रदायिक थे। उनका उद्देश्य एक ही था – भारत की अखंडता, शांति तथा भारतीय लोकतंत्र की रक्षा !
उनकी पुस्तक “थॉट्स ऑन पाकिस्तान” आज सभी के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज हो सकता है। जो भारत-पाकिस्तान के इतिहास तथा विभाजन की राजनीति को अच्छी तरह से समझना चाहते हैं।
बाबासाहेब आंबेडकरजी ने पाकिस्तान के बारे में क्या लिखा हैं।? इस सवाल का जबाब डॉ.बाबासाहब आंबेडकर के लिखीत ‘Thoughts on Pakistan ‘ पुस्तक में मिलता है।
डॉ. नितीन पवार (D.M.S. – Management)
पत्रकार, संपादक, लेखक, ब्लॉगर व मानव अधिकार कार्यकर्ते.
शिरूर (पुणे) येथील रहिवासी.
सत्य, निष्पक्ष आणि समाजाभिमुख पत्रकारितेद्वारे ग्रामीण भागाचा आवाज बुलंद करण्यासाठी कार्यरत.
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